Friday, 3 February 2017

इन 6 हार्मोनल बदलाव के कारण झड़ते है आपके बाल

पुरुष और महिलाओं में बाल झड़ने के कई कारण होते हैं। इनमें बढ़ती उम्र, खराब खानपान, तनाव, हार्मोन, आनुवांशिक गड़बड़ी, हेयर डाई का अधिक इस्तेमाल और स्मोकिंग आदि शामिल है। वैसे महिलाओं में बाल झड़ने के सबसे आम कारणों में हार्मोनल परिवर्तन है। क्या आप बालों को झड़ने से बचाने के घरेलू उपचार जानते हैं? हम आपको बता रहे हैं कि किन-किन हर्मोन में परिवर्तन होने की वजह से बाल झड़ते हैं। (1) प्रोलैक्टिन- यह हार्मोन पिट्यूटरी ग्लैंड से उत्पादित होता है, जो मुख्य रूप से ब्रेन के बेस पर स्थित होता है। ये हार्मोन सेंट्रल नर्वस सिस्टम, इम्यून सिस्टम, स्किन यूट्रस और मैमरी द्वारा भी उत्पादित होता है। महिलाओं में समय और पीरियड्स साइकिल के अनुसार प्रोलैक्टिन का लेवल 2 से 0.025 मिलीग्राम / एमएल होता है लेकिन प्रोलैक्टिन लेवल 0.2 मिलीग्राम /एमएल होना हाइपरप्रोलैक्टिनेमिया रोग के रूप में जाना जाता है। कई अध्ययनों में इस बात का जिक्र किया गया है कि हाइपरप्रोलैक्टिनेमिया बाल झड़ने और पुरुषों में गंजापन (एंड्रोजेनिक एलोपेसिया) का कारण बनता है। एक अध्ययन के अनुसार, हाइपोथायरायडिज्म के साथ हाइपरप्रोलैक्टिनेमिया महिलाओं में एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया यानि गंजेपन का कारण बनता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, 0.4 मिलीग्राम / मिलीलीटर प्रोलैक्टिन हेयर शाफ्ट यानि बालों को स्किन से अलग होने से रोकता है और प्रीमैच्युर केटाजन विकास को बढ़ाता है, जिससे बालों का बढ़ना रुक जाता है और बालों की जड़ें स्किन छोड़ना शुरू कर देती हैं जिसका परिणाम बालों के झड़ने के रूप में सामने आता है। (2) कोर्टिसोल- तनाव के कारण भी बाल झड़ते हैं। डॉक्टर सेमूर वीवर के अनुसार, तनाव के कारण बालों के रोम प्रभावित होते हैं जिससे बालों का विकास नहीं हो पाता है। तनाव की स्थिति में दो से चार महीने बाद ही बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं। कोर्टिसोल हार्मोन एड्रेनल ग्लैंड द्वारा उत्पादित होता है। यानि लंबे समय तक तनाव में रहने से कोर्टिसोल उत्पादन होता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, पुराने दर्द से परेशान, बेरोजगार, शिफ्ट में काम करने वाले और हृदय की समस्याओं से पीड़ित लोगों में कोर्टिसोल का लेवल अधिक होने के चांस होते हैं जिस वजह से उनके बाल झड़ने के भी अधिक चांस होते हैं। हेयर ग्रोथ के लिए प्रोटेयोग्लाईकैन्स और ह्यालूरोनन हेयर ग्रोथ के लिए महत्वपूर्ण स्किन एलेमेंट्स हैं। कोर्टिसोल का लेवल बढ़ना दोनों स्किन एलेमेंट्स को लगभग 40 फीसदी कम कर सकता है जिससे बाल बढ़ने का चक्र छोटा हो सकता है। (3) डीएचटी- डीएचटी यानि डिहाइड्रोटेस्टोस्टेरॉन हार्मोन आनुवंशिक गड़बड़ी के साथ-साथ विशेष रूप से पुरुषों में गंजेपन का कारण बनता है। मेल पैटर्न बाल्डनेस में नामक हार्मोन जो कि पुरूषों में अधिक मात्रा में मौजूद होता है और पुरूषों के प्रजनन अंगों की बढ़ोतरी और विकास के लिए जिम्मेदार होता है, यह 5-अल्फा रिडक्टेज नामक एक एंजाइम द्वारा डिहाइड्रो में बदल जाता है। डीएचटी, जो कि का ही एक उत्पा‍द है यह बालों के रोमकूपों को संकुचित करते हुए उन पर विपरीत असर डालता है और वृद्धि को प्रभावित करता है। का डिहाइड्रोटेस्टोस्टेरॉन में बदलना एक सामान्य प्रक्रिया है क्योंकि को पूरी तरह असरदार बनाने के लिए शरीर को डीएचटी की ज़रूरत होती […]

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